White किसे रहना है यहां आखिर तक, हर कोई मुसाफिर है सफर तक। आखिर सबको शहर से चले ही तो जाना है, बस यादों के नक्श यहां छोड़ जाना है। शहर नया है, कुछ दोस्त बनाते रहिए, दिल के दरवाज़े हरदम खुलाते रहिए। रिश्तों की रौशनी सदा जलाते रहिए, हर अजनबी को अपना बनाते रहिए। वक्त का कोई भरोसा नहीं है, हर पल में ख़ुशियों को जगाते रहिए। जीवन की इस दौड़ में रुक मत जाना, सपनों के परों को उड़ाते रहिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर