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(Read in caption) ये कुदरत से मिले साथी, मैं इनसे

ये कुदरत से मिले साथी, मैं इनसे बात करती हूं
मगर इनकी जुदाई के ख़यालों से मैं डरती हूं

रहे हैं साथ बचपन से, नहीं ये प्यार दो पल का
दरख़्तों, फूल-पत्तों की ज़ुबां भी मैं समझती हूं

इन्हें भी तो पसंद है साथ मेरा, जानती हूं मैं
गले मिलकर हमेशा मैं भी इनकी बात सुनती हूं
odysseus9022

Odysseus

Bronze Star
New Creator

ये कुदरत से मिले साथी, मैं इनसे बात करती हूं मगर इनकी जुदाई के ख़यालों से मैं डरती हूं रहे हैं साथ बचपन से, नहीं ये प्यार दो पल का दरख़्तों, फूल-पत्तों की ज़ुबां भी मैं समझती हूं इन्हें भी तो पसंद है साथ मेरा, जानती हूं मैं गले मिलकर हमेशा मैं भी इनकी बात सुनती हूं #nojotovideo #Trees

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