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राहत इंदौरी ने लिखा था:- *सभी का खून शामिल, है य


राहत इंदौरी ने लिखा था:- 
*सभी का खून शामिल, है यहां की मिट्टी में*।
*किसी के बाप का हिन्दुतान थोड़े ही है*।।
यह शेर अपनी कविता के माध्यम से सुनाने वाले ।। 
और इससे सीधा हमारे पूर्वजों पर हमला करने वाले भी यही साहब थे....!!! 
खैर....
#राहत की राहत मिटाते हुए आज के दिन दो शब्द और,
#भारतवासी_सनातनियों_की_आवाज़
#मस्जिदें कबूल थी, बस मंदिर खटक गए ।
भूमि पूजन से आहत, राहत सटक गए ।।
#फैला है वायरस तो, आएं हैं चपेट में कई सूरमा ।
इस जहां में अकेले, अमित शाह का मकान थोड़े ना है ।। 
#साँसे टूटेंगी तो जाना तुझे भी पड़ेगा ।
ऑक्सीजन किसी के बाप की थोड़े ही है ।।
#खफा होते हैं तो होने दो, घर के मेहमान थोड़े ही हैं ।
जहां भर से लताड़े जा चुके, इनका ईमान थोड़े ही है ।।
#तुकबन्दी का शायर मरा है, उसे सलाम थोड़े ही है ।
टुकड़े गैंग का पोपट था, कोई कलाम साहब थोड़ी ना है ।।
#मांगी थी उसने दुआ, अमित शाह जी के लिए ।
क्या करें ए खुदा, कुबूल, राहत साहब की हो गयी ।।
#ये कान्हा व राम की धरती है, सजदा करना ही होगा ।
मेरा यह वतन मेरी माँ है, लूट का सामान थोड़े ही है ।।
#विरले मिलते हैं, सच्चे मुसलमान इस दुनिया में ।
क्योंकि हर कोई अब्दुल हमीद, और कलाम थोड़े ही है ।।
*#अपने भी कुछ लोग होते हैं, शामिल वतन तोड़ने में ।कन्हैया और रवीश कुमार, मुसलमान थोड़े ही हैं* ।।
*#नही शामिल तुम्हारा खून, इस देश की पावन मिट्टी में । किसी देशद्रोही सूअर के, बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है* ।।
*पर हिंदुस्तान का हिन्दू बहुत ही सहिष्णु है वो राहत इंदौरी को माफ जरूर कर देगा*.!
खैर हम तो ऐसे जीवों का कोई सम्मान नहीं करते हैं ।।

*ऐसे देश और हिंदू विरोधी को श्रधांजलि तो मैं कभी न दूं* ।। 

🇮🇳 #भारत_माता_की_जय 🇮🇳 #RIPRahatIndori

राहत इंदौरी ने लिखा था:- 
*सभी का खून शामिल, है यहां की मिट्टी में*।
*किसी के बाप का हिन्दुतान थोड़े ही है*।।
यह शेर अपनी कविता के माध्यम से सुनाने वाले ।। 
और इससे सीधा हमारे पूर्वजों पर हमला करने वाले भी यही साहब थे....!!! 
खैर....
#राहत की राहत मिटाते हुए आज के दिन दो शब्द और,
#भारतवासी_सनातनियों_की_आवाज़
#मस्जिदें कबूल थी, बस मंदिर खटक गए ।
भूमि पूजन से आहत, राहत सटक गए ।।
#फैला है वायरस तो, आएं हैं चपेट में कई सूरमा ।
इस जहां में अकेले, अमित शाह का मकान थोड़े ना है ।। 
#साँसे टूटेंगी तो जाना तुझे भी पड़ेगा ।
ऑक्सीजन किसी के बाप की थोड़े ही है ।।
#खफा होते हैं तो होने दो, घर के मेहमान थोड़े ही हैं ।
जहां भर से लताड़े जा चुके, इनका ईमान थोड़े ही है ।।
#तुकबन्दी का शायर मरा है, उसे सलाम थोड़े ही है ।
टुकड़े गैंग का पोपट था, कोई कलाम साहब थोड़ी ना है ।।
#मांगी थी उसने दुआ, अमित शाह जी के लिए ।
क्या करें ए खुदा, कुबूल, राहत साहब की हो गयी ।।
#ये कान्हा व राम की धरती है, सजदा करना ही होगा ।
मेरा यह वतन मेरी माँ है, लूट का सामान थोड़े ही है ।।
#विरले मिलते हैं, सच्चे मुसलमान इस दुनिया में ।
क्योंकि हर कोई अब्दुल हमीद, और कलाम थोड़े ही है ।।
*#अपने भी कुछ लोग होते हैं, शामिल वतन तोड़ने में ।कन्हैया और रवीश कुमार, मुसलमान थोड़े ही हैं* ।।
*#नही शामिल तुम्हारा खून, इस देश की पावन मिट्टी में । किसी देशद्रोही सूअर के, बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है* ।।
*पर हिंदुस्तान का हिन्दू बहुत ही सहिष्णु है वो राहत इंदौरी को माफ जरूर कर देगा*.!
खैर हम तो ऐसे जीवों का कोई सम्मान नहीं करते हैं ।।

*ऐसे देश और हिंदू विरोधी को श्रधांजलि तो मैं कभी न दूं* ।। 

🇮🇳 #भारत_माता_की_जय 🇮🇳 #RIPRahatIndori