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कुछ इस तरह मेरा फसाना रहा, लोग हँसते रहे मैं हँसात

कुछ इस तरह मेरा फसाना रहा,
लोग हँसते रहे मैं हँसाता रहा ।
लोग दखते रहे चमक चाँद की, 
सूरज आग में यूं रातभर जलता रहा ।
हमने खोयी नही,किसी ने पाया नही, 
मैं सारी दुनिया को बताता रहा,
लोग समझे नही,दुःख देते रहे,
हर कोई मुझे सताता रहा ।
किसी ने जाना नही, मुझे माना नही, 
मैं हर कोई को मनाता रहा ।
लोग देखते रहे चमक आँख की,
लोग आंसू देखे मैं सिसकता रहा ।
आंसू रुके नही मेरे आँख से, 
मैं दिल को तसल्ली दिलाता रहा ।
नींद आयी नही मुझे रातभर,
 मैं रातभर यूं सोता रहा,
अलग होते रहे, हर रिश्ते,
हर रिश्तों में मैं खोता रहा ।
जन्म होता रहा, लोग मरते रहे, समय हमेशा यूं चलता रहा,
लोग आते रहे, लोग जाते रहे, रास्ता हमेशा यूं ठहरा रहा । #merafasana saayra Divya shruti pant anushka pandit Ayesha Panwar  Shubham Sajwan
कुछ इस तरह मेरा फसाना रहा,
लोग हँसते रहे मैं हँसाता रहा ।
लोग दखते रहे चमक चाँद की, 
सूरज आग में यूं रातभर जलता रहा ।
हमने खोयी नही,किसी ने पाया नही, 
मैं सारी दुनिया को बताता रहा,
लोग समझे नही,दुःख देते रहे,
हर कोई मुझे सताता रहा ।
किसी ने जाना नही, मुझे माना नही, 
मैं हर कोई को मनाता रहा ।
लोग देखते रहे चमक आँख की,
लोग आंसू देखे मैं सिसकता रहा ।
आंसू रुके नही मेरे आँख से, 
मैं दिल को तसल्ली दिलाता रहा ।
नींद आयी नही मुझे रातभर,
 मैं रातभर यूं सोता रहा,
अलग होते रहे, हर रिश्ते,
हर रिश्तों में मैं खोता रहा ।
जन्म होता रहा, लोग मरते रहे, समय हमेशा यूं चलता रहा,
लोग आते रहे, लोग जाते रहे, रास्ता हमेशा यूं ठहरा रहा । #merafasana saayra Divya shruti pant anushka pandit Ayesha Panwar  Shubham Sajwan

@anushka pandit Ayesha Panwar @Shubham Sajwan">#merafasana saayra Divya shruti pant anushka pandit Ayesha Panwar Shubham Sajwan #कविता