कुछ इस तरह मेरा फसाना रहा, लोग हँसते रहे मैं हँसाता रहा । लोग दखते रहे चमक चाँद की, सूरज आग में यूं रातभर जलता रहा । हमने खोयी नही,किसी ने पाया नही, मैं सारी दुनिया को बताता रहा, लोग समझे नही,दुःख देते रहे, हर कोई मुझे सताता रहा । किसी ने जाना नही, मुझे माना नही, मैं हर कोई को मनाता रहा । लोग देखते रहे चमक आँख की, लोग आंसू देखे मैं सिसकता रहा । आंसू रुके नही मेरे आँख से, मैं दिल को तसल्ली दिलाता रहा । नींद आयी नही मुझे रातभर, मैं रातभर यूं सोता रहा, अलग होते रहे, हर रिश्ते, हर रिश्तों में मैं खोता रहा । जन्म होता रहा, लोग मरते रहे, समय हमेशा यूं चलता रहा, लोग आते रहे, लोग जाते रहे, रास्ता हमेशा यूं ठहरा रहा । #merafasana