मैं एक आम आदमी नौकरी वाला आदमी समाज में थोड़ा कुलीन संभ्रांत सा दिखने वाला आदमी जिसने आज जो भी पाया है किन संघर्षों से आया है बस वही जानता है मां की पूजा और प्रार्थना पिता की हौसला अफजाई नहीं होती तो कहीं हो गया होता ये आम सा दिखने वाला आदमी कितनी असुविधा में जीवन यापन करने वाले एक सामान्य परिवार की जरूरतों को पूरा करने वाला आदमी कच्ची दीवारों को पक्का करने वाला चापकल की जगह पानी की टंकी और हर महीने के वेतन से अपने परिवार के लिए खुशियां खरीदने वाला एक नौकरी पेशा आदमी भविष्य की उम्मीदों में जीता नई संभावनाएं तलाशता एक आम से खास दिखता एक नौकरी पेशा आदमी महत्वाकांक्षा के भंवर में फंसता हुआ अपनी बूढ़े हो रहे मां-बाप की आखिरी उम्मीद बनता हुआ अपनी बेटी के लिए योजनाएं बनाता हुआ भाई को भी उसका रास्ता दिखाता हुआ पत्नी की मुस्कान को निहारने वाला एक आम सा दिखने वाला एक नौकरी पेशा आदमी ©Abhishek Rajhans #Road नौकरी पेशा आदमी