मेरे सारे खुतूत उसने संभालें हैं आज भी यानि दिल में यादों के उजाले हैं आज भी वो मेरे ना होते तो खत जला देते शायद वो मेरे चाहने वाले हैं आज भी "अजीज/प्रिय" "कातिबों/लेखकों" हम अब सिर्फ आपकी मश्क़/अभ्यास के लिए आपको अल्फ़ाज़ देते रहेंगें। 👉आज की मश्क़/अभ्यास के लिए आज का हमारा अल्फ़ाज़/शब्द है 👇👇👇 🌹"ख़त / خط"🌹