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दिशाओं में थी तो सहज थी आसमां में तारे बन गई,, ब

दिशाओं में थी तो  सहज थी
आसमां में तारे बन गई,, 
बिखरी जमीं पे मन्नत बनके
टूटी तो समंदर के किनारे बन गई।।।

©Akash kumar
  #Aur_tum
akashkumar6672

Akash kumar

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#Aur_tum #Poetry

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