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White इस दिल ए नादां किसी मंज़िल की तलाश नहीं है जो

White इस दिल ए नादां किसी मंज़िल की तलाश नहीं है
जो अपनी थीं, वो राह सफ़र में कहीं भटक गयीं हैं..!

सफ़र मौत तलक निभाना मुझे, साथ साथ तेरे ही 
उम्मीद ज़मींदोज़ करके आज रुख़सत हो गयी है..!

आज बहुत ख़लिस में हूँ, ख़ुलुस से था साथ तेरे मैं 
ज़िन्दगी ए जन्नत को आज, दोखज़ में डाल गयी है..!

मैं अब ख़ुद की तफ़्तीश करते रहता हूँ हरदम ही 
कौन सी गिला हुयी मुझसे, वो रुख़सत हो गयी है..!

मुझपे ऐतबार नहीं उसे, चिरकर रूह देख ले मेरी 
जिस्म की बात ही नहीं, मेरी रूह में समा गयी है..!

न जाने क्यूँ लगता है अब साज़िशओ का शिकार हूँ 
सांस तो चल रहीं मेरी, मुझे वो ज़िंदा मार गयी है..!!

©Shreyansh Gaurav #GzlWrites 
#Thinking
White इस दिल ए नादां किसी मंज़िल की तलाश नहीं है
जो अपनी थीं, वो राह सफ़र में कहीं भटक गयीं हैं..!

सफ़र मौत तलक निभाना मुझे, साथ साथ तेरे ही 
उम्मीद ज़मींदोज़ करके आज रुख़सत हो गयी है..!

आज बहुत ख़लिस में हूँ, ख़ुलुस से था साथ तेरे मैं 
ज़िन्दगी ए जन्नत को आज, दोखज़ में डाल गयी है..!

मैं अब ख़ुद की तफ़्तीश करते रहता हूँ हरदम ही 
कौन सी गिला हुयी मुझसे, वो रुख़सत हो गयी है..!

मुझपे ऐतबार नहीं उसे, चिरकर रूह देख ले मेरी 
जिस्म की बात ही नहीं, मेरी रूह में समा गयी है..!

न जाने क्यूँ लगता है अब साज़िशओ का शिकार हूँ 
सांस तो चल रहीं मेरी, मुझे वो ज़िंदा मार गयी है..!!

©Shreyansh Gaurav #GzlWrites 
#Thinking