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आज कुछ कहने की हालत में नहीं हूँ, कुछ दर्द सा, कुछ

आज कुछ कहने की हालत में नहीं हूँ,
कुछ दर्द सा, कुछ तड़प सी,
कुछ छटपटाहट सी मची है,
ऐसा लगता है कि कोई कुछ छीन गया मुझ से! तुम याद आओगे
आज कुछ कहने की हालत में नहीं हूँ,
कुछ दर्द सा, कुछ तड़प सी,
कुछ छटपटाहट सी मची है,
ऐसा लगता है कि कोई कुछ छीन गया मुझ से! तुम याद आओगे