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रचना दिनांक 2, दिसंबर,,2024, वार सोमवार समय सुबह

रचना दिनांक 2, दिसंबर,,2024,
वार  सोमवार
समय सुबह  पांच बजे
््भावचित्र ््
््निज विचार ््
््शीर्षक ््
्््छाया चित्र में दिखाया गया संसार जगत में मानव जीवन में
जन्म से मरण तक निर्गुण निराकार रूप है ईश्वर सत्य है,
 लेकिन इन्सान तक उस तक भेजने वाले को उल्लेमा,, हाफिज,पादरी,,
सनातन विचार सच में पण्डित,ब़ाम्हण, जो शिक्षा दीक्षा संस्कार शिक्षण दे,
उसे हम दिलों से सम्मानित मानते हैं यही जीवन की पाठशाला कार्यशाला है ््सत्य वचन अनमोल कथन,,
सच्चाई है जीवन सत्य है।।
विषय मंत्र शक्ति दिव्यता को मुखमण्डल से उच्चारण शुद्ध शब्दकोश प्रयोग में चलते शरीर के मुख का प्रत्येक स्वर पुकार नाद तरंग में रचते बसते हैं।।
 मन से शुद्ध ब़म्ह कर्म मंत्र यंत्र तंत्र तंत्रिकाओं से कवच रुपी भवसागर से मुक्ति दिलाने वाली अग्नि परीक्षा देते हैं ,,
उसे असली ब़ाम्हण कहते हैं यह परिभाषा कहलाती है ,,
जीवन सार सार्थक ब़ाम्हणकूल वंश विधी संस्कार रक्षणं योगमाया शक्ति पूंज आत्मिक सुख में वृद्धि हो सकती है ।।
यही यजमान और ब़म्हकर्मसाक्ष्य की कसौटी होती है,,
यजमान की समृद्धि में वृद्धि ही ब़म्ह कर्ममंत्र यंत्र देवत्व कलाओं सिध्दि लाभार्थ ही सुन्दर और सार्थक प्रयास ही ईश्वर आनंद सत्य है।।
््््निजविचार ्््

्कवि शैलेंद्र आनंद ्
2दिसमबबर 2024,,
भावचित्र ्््् ््
कवि शैलेंद्र आनंद 
2,, दिसंबर,,2024,,

©Shailendra Anand  मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
कवि शैलेंद्र आनंद
रचना दिनांक 2, दिसंबर,,2024,
वार  सोमवार
समय सुबह  पांच बजे
््भावचित्र ््
््निज विचार ््
््शीर्षक ््
्््छाया चित्र में दिखाया गया संसार जगत में मानव जीवन में
जन्म से मरण तक निर्गुण निराकार रूप है ईश्वर सत्य है,
 लेकिन इन्सान तक उस तक भेजने वाले को उल्लेमा,, हाफिज,पादरी,,
सनातन विचार सच में पण्डित,ब़ाम्हण, जो शिक्षा दीक्षा संस्कार शिक्षण दे,
उसे हम दिलों से सम्मानित मानते हैं यही जीवन की पाठशाला कार्यशाला है ््सत्य वचन अनमोल कथन,,
सच्चाई है जीवन सत्य है।।
विषय मंत्र शक्ति दिव्यता को मुखमण्डल से उच्चारण शुद्ध शब्दकोश प्रयोग में चलते शरीर के मुख का प्रत्येक स्वर पुकार नाद तरंग में रचते बसते हैं।।
 मन से शुद्ध ब़म्ह कर्म मंत्र यंत्र तंत्र तंत्रिकाओं से कवच रुपी भवसागर से मुक्ति दिलाने वाली अग्नि परीक्षा देते हैं ,,
उसे असली ब़ाम्हण कहते हैं यह परिभाषा कहलाती है ,,
जीवन सार सार्थक ब़ाम्हणकूल वंश विधी संस्कार रक्षणं योगमाया शक्ति पूंज आत्मिक सुख में वृद्धि हो सकती है ।।
यही यजमान और ब़म्हकर्मसाक्ष्य की कसौटी होती है,,
यजमान की समृद्धि में वृद्धि ही ब़म्ह कर्ममंत्र यंत्र देवत्व कलाओं सिध्दि लाभार्थ ही सुन्दर और सार्थक प्रयास ही ईश्वर आनंद सत्य है।।
््््निजविचार ्््

्कवि शैलेंद्र आनंद ्
2दिसमबबर 2024,,
भावचित्र ्््् ््
कवि शैलेंद्र आनंद 
2,, दिसंबर,,2024,,

©Shailendra Anand  मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
कवि शैलेंद्र आनंद