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छोड़ दिया था चलना मेंने, थक गई थी चलते चलते दुख रह

छोड़ दिया था चलना मेंने, थक गई थी चलते चलते
दुख रहा था दिल मेरा, छिल गया था पैर मेरा
बस अभी घाव भरे ही थे
की उन अनजान रास्तों पर चल दी थी मैं
बेखबर थी ज़िन्दगी के उन अजीब रास्तों से
किसको खबर थी मिल जाते है लोग अनजान मोड़ से
जो शुरू हुआ है अब वो ख़तम ना हो
ऐ खुदा फिर से दूरी का मंज़र ना हो
आने लगी है मुस्कान फिर से इस चहरे पर
अच्छा लगने लगा है फिर से किसी से बात कर कर
पर भूल गई थी ज़िन्दगी के उन नियमों को
:
:
:
"की अजनबी मिलने की खुशी दे या ना दे
पर भिछड़ने का ग़म ज़रूर दे जाते हैं" #Stranger
छोड़ दिया था चलना मेंने, थक गई थी चलते चलते
दुख रहा था दिल मेरा, छिल गया था पैर मेरा
बस अभी घाव भरे ही थे
की उन अनजान रास्तों पर चल दी थी मैं
बेखबर थी ज़िन्दगी के उन अजीब रास्तों से
किसको खबर थी मिल जाते है लोग अनजान मोड़ से
जो शुरू हुआ है अब वो ख़तम ना हो
ऐ खुदा फिर से दूरी का मंज़र ना हो
आने लगी है मुस्कान फिर से इस चहरे पर
अच्छा लगने लगा है फिर से किसी से बात कर कर
पर भूल गई थी ज़िन्दगी के उन नियमों को
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"की अजनबी मिलने की खुशी दे या ना दे
पर भिछड़ने का ग़म ज़रूर दे जाते हैं" #Stranger