गीत नगमें ग़ज़ल गुनगुनाता रहूंँ। तुम सुनो तो प्रिये मैं सुनाता रहूंँ। मीत मेरे रुको कुछ समय और मैं, चांँद तारों की महफिल सजाता रहूंँ। प्रीत की रीत तुम भी निभाती रहो, रस्म मैं भी प्रिये सब निभाता रहूंँ। मैं हूंँ सागर नदी तुम हो निर्मल प्रिये, पास आओ गले से लगाता रहूंँ। पुष्प–सी तुम खिली मुस्कुराती रहो, मैं भ्रमर बन के चक्कर लगाता रहूंँ। #ग़ज़ल_मन #मौर्यवंशी_मनीष_मन #yqdidi Best YQ Hindi Quotes