जाग रहा यह कौन धनुर्धर
जब कि भुवन भर सोता है ?
ये पंक्तियाँ मैथिलीशरण गुप्त की रचना 'पंचवटी' से है। गुप्त जी ने यह लखनलाल के लिए लिखा है।
भुवन का अर्थ होता है संसार
यह कौन धनुर्धर है जो जग रहा है जबकि पूरा संसार सो रहा है ? #विवाह#YourQuoteAndMine#हिंदी_साहित्य#लक्ष्मण#मैथिलीशरणगुप्त