ये संस्कृति बच ही जाएगी शायद, किताबें अब भी बिक रही हैं शायद। Literature बचा लिया है उन्होने शायद नालन्दा अब भी सुलग रही है शायद। ©Rakesh Kumar Dogra Indian Novel 'Tomb of Sand' , wins Booker Prize *गीतांजलि श्री के उपन्यास 'टॉम्ब ऑफ सैंड' को अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज मिला है। *ये उपन्यास हिंदी में रेत की समाधि के नाम से छपा था जिसे अमेरिकन ट्रांस्लेटर डेजी रॉकवेल ने अंग्रेजी में ट्रांसलेट किया और इसका नाम टॉम्ब ऑफ सैंड रखा.