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आज इक रात फिर चुनी जाए और अंधेरों की भी सुनी जाए

आज इक रात फिर चुनी जाए
और अंधेरों की भी सुनी जाए

तू भी अपने की बोल दे
मैं भी अपने की कहूँ
आज बस दिल की बात की जाए

सब हवाओं से आंधियाँ लेके
सब फिजाओं से बिजलियां लेके
उनको चाहत की शक्ल दी जाए

कुछ तेरी देर बे-करार करे
कुछ मेरा तू भी इंतजार करे
जिंदगी गुजरती चली जाए #चाहत की शक्ल
आज इक रात फिर चुनी जाए
और अंधेरों की भी सुनी जाए

तू भी अपने की बोल दे
मैं भी अपने की कहूँ
आज बस दिल की बात की जाए

सब हवाओं से आंधियाँ लेके
सब फिजाओं से बिजलियां लेके
उनको चाहत की शक्ल दी जाए

कुछ तेरी देर बे-करार करे
कुछ मेरा तू भी इंतजार करे
जिंदगी गुजरती चली जाए #चाहत की शक्ल
jasrana4801

JASRANA

New Creator

#चाहत की शक्ल #शायरी