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आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ । मिलकर अब सेवा करे

आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ ।
मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।।

हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज ।
हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे राज ।।

आयी है शिवरात्रि ये , भक्त करे यशगान ।
शिवशंभू ये देख कर , देते हैं वरदान ।।

गौरी-शंकर आज तो , छोड़ दिए कैलास ।
देख रहे करके भ्रमण , भक्तो के आवास ।।

आयी माँ गौरी यहाँ , होकर सिंह सवार ।
देख रही हैं भक्त का , वह अपने घर द्वार ।।

०८/०२/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ ।
मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।।

हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज ।
हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे राज ।।

आयी है शिवरात्रि ये , भक्त करे यशगान ।
शिवशंभू ये देख कर , देते हैं वरदान ।।
आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ ।
मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।।

हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज ।
हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे राज ।।

आयी है शिवरात्रि ये , भक्त करे यशगान ।
शिवशंभू ये देख कर , देते हैं वरदान ।।

गौरी-शंकर आज तो , छोड़ दिए कैलास ।
देख रहे करके भ्रमण , भक्तो के आवास ।।

आयी माँ गौरी यहाँ , होकर सिंह सवार ।
देख रही हैं भक्त का , वह अपने घर द्वार ।।

०८/०२/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ ।
मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।।

हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज ।
हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे राज ।।

आयी है शिवरात्रि ये , भक्त करे यशगान ।
शिवशंभू ये देख कर , देते हैं वरदान ।।

आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ । मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।। हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज । हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे राज ।। आयी है शिवरात्रि ये , भक्त करे यशगान । शिवशंभू ये देख कर , देते हैं वरदान ।। #कविता