दुखों का रोना... रोया ना कर, दर्द को अपने... भुलाया ना कर। सँवार कर.. उसको .., कुछ इस तरह... निकाला कर। देख.....खुदा...बोल उठे.... मिर्ज़ा मिर्ज़ा ग़ालिब ग़ालिब...। इत्तु सा... इत्तु सा पैग़ाम दुखड़े के नाम। दुखों का रोना रोया ना कर, दर्द को अपने भुलाया ना कर। सँवार कर.. उसको .., कुछ इस तरह निकाला कर। देख.....खुदा...बोल उठे.... मिर्ज़ा मिर्ज़ा ग़ालिब ग़ालिब...।