देश की सीमा पर तैनात, हम अपनी जान के दुश्मन को जान कहते है ,हम अपनी जान के दुश्मन को जान कहते है ,मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते है। -dr rahat indori ji kya khub likha hai ...