तन्हाई भी पास आने पर 'कहती थी' मैं डरती हूँ जब पास

तन्हाई भी पास आने पर 'कहती थी' मैं डरती हूँ
जब पास बैठकर कहती थी मैं तुझपर मरती हूँ
वो मुहब्बत, चाहत फिर से मुझे लौटा दिजिए
या दिवारों के बीच जिंदा  "दफ़ना"  दिजिए

©अनुषी का पिटारा..
  #आखरी_ख्वाहिश
play