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मैं सुबह निकला था उसको ढूंढने ढूंढते-ढूंढते श

मैं 
सुबह निकला 
था उसको ढूंढने 

ढूंढते-ढूंढते 
शाम हो गई 
और फिर रात

आख़िर में 
रात को जब 
मैं बिस्तर पर पड़ा 
तब जाकर मिला 
मुझे वो थोड़ा-सा 
सुकून जिसके लिए 

मैं सुबह से 
दौड़ा-दौड़ा 
फिर रहा था | मैं 
सुबह निकला 
था उसको ढूंढने 

ढूंढते-ढूंढते 
शाम हो गई 
और फिर रात
मैं 
सुबह निकला 
था उसको ढूंढने 

ढूंढते-ढूंढते 
शाम हो गई 
और फिर रात

आख़िर में 
रात को जब 
मैं बिस्तर पर पड़ा 
तब जाकर मिला 
मुझे वो थोड़ा-सा 
सुकून जिसके लिए 

मैं सुबह से 
दौड़ा-दौड़ा 
फिर रहा था | मैं 
सुबह निकला 
था उसको ढूंढने 

ढूंढते-ढूंढते 
शाम हो गई 
और फिर रात

मैं सुबह निकला था उसको ढूंढने ढूंढते-ढूंढते शाम हो गई और फिर रात