((((( फिर देश को बांटने चला है ))))) &&&&&&&&&&&&&& कांग्रेस धर्म पर देश को बांट कर, फिर देश को बांटने चला है । संविधान में सेकुलर शब्द जोड़कर, हिंदुओं को तोड़ने चला है। वक्फ बोर्ड का कानून बनाकर, मुसलमानो को जोड़ने चला है। हिंदुओं का जमीन लूटने चला है। राजनीति को परिवारों में समेट कर, जनता की गाढ़ी कमाई लपेट कर, ग़रीबी नहीं , गरीबों को हटाने चला हैं। अपना जेब भरने चला है। अधर्मी है सारे विपक्षी पाखंडी, नहीं जात , नहीं धर्म , नहीं कर्म, भगवान को दिलों से हटाने चला है। हिन्दुओं को हिन्दुओं से लड़ाने चला है। कहीं कांग्रेसी कहीं सपा कहीं त्रिमूल, आतंकवादियों का साथ निभाने चला है। इंसान के पुतले में राक्षस है यह लोग, धरती से सनातन को मिटाने चला है। ईसाई और इस्लाम को बसाने चला है। धर्म पर देश को बांट कर, फिर देश को बांटने चला है।। 88888888888888888888 प्रमोद मालाकार .... 06.09.23 ©pramod malakar #फिर देश को बांटने चला है।