a-person-standing-on-a-beach-at-sunset वों अच्छी नहीं है दिखने मे बहुत मामूली सी है छोटा कद है उसका आकर्षक भी नहीं है बाते भी अच्छी नहीं करती बहुत साधारण लगती है कुछ भी खास नहीं है लेकिन कुछ तो है जो बांकी औरो मे नहीं है उसने कहा नहीं कुछ लेकिन लड़ बैठतीं थी बांकी कि हिम्मत नहीं थी वों चढ़ बैठतीं थी मन कि हर बात मुझसे कहती उसे लगता मै अच्छा हुँ मै ऐसा भी नहीं था जो उसे लगा उतना भी सही नहीं था एक दिन वों करीब ख़डी थी मै खुद को रोक नहीं पाया न कोई विरोध न नाराजगी फिर लगा ये वों तो नहीं हां वों ही था हां वों ही था ©ranjit Kumar rathour उसे लगता मै अच्छा था