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# हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चा | English Poetry

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
~दुष्यंत कुमार

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, 
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। 

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी, 
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए ~दुष्यंत कुमार हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी, शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए। #Poetry #ghazal #Hindi #poem #literature #Nasha #dushyantkumar #farmerprotest

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