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अ इंसान - रोता हुआ आया था रुलाते हुए जाएगा, क्या स

अ इंसान -
रोता हुआ आया था रुलाते हुए जाएगा,
क्या साथ लेकर आया था जो अब तू लेकर जाएगा।
 संपति घर बार  सब यहीं छूट जाएगा,
कोई न तेरा साथ निभाएगा ।
माना कि जवानी के दम पर कुछ दिन खुशी मनाएगा,
परंतु एक दिन चेहरा मुरझा जाएगा।
कर स्वयं से वादा दिल न किसी का दुखाएगा,
गहराते हुए दुखों में भी  चेहरे पर मुस्कान दिखाएगा।
मत बोलिए कड़वे बोल जिससे दूसरा आहत हो जाएगा,
पल भर की जिंदगी आज यहां है पता नहीं कल देख पाएगा।
कर ले ईश्वर से बंदगी बस आखिर वही काम आएगा,
कर ले अच्छे कर्म एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा।
कहे चौहान सब धरा यहीं रह जाएगा,
राम नाम है सुखदाई जीवन संवर जाएगा।

©Shishpal Chauhan
  # जीवन क्या है

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