कोई कैसे किसी को समझाता,ए दिखा दो मुझे। हम कैसे उनको समझाएं, कोई बता दो मुझे।। किसी की एहसान जीवन भर, भूल पाते नही । कैसे उनकी गलतफहमी दूर करें, मुझे आते नहीं।। वह थोड़ा सा झुके मेरे लिए ,यह उनकी अच्छाई है। हम सदैव नमन वंदन करते रहे, यह भी एक सच्चाई है।। ©Govind dhar Dwivedi ग़लत -सन्देह! लेखक- जी डी द्विवेदी