चल रहा , चल रहा , चल रहा , हे ये , मौत का हे खौफ जो, मचल रहा हे ये, जंग में हम भी कम नहीं, हार का हमें गम नहीं, कोरोना से डरने में, जीत का अमन नहीं । काम कुछ नहीं आएगा, जीवन संकट में पड़ जाएगा, घर में रहना ही सिर्फ,जीवन दान दे पाएगा , परिवार को बचाना हे, प्यार से समझाना हे, घर में रहकर, देश का कर्तव्य निभाना हे । "एक बात बताता हूँ, उसके लब्ज़ों को समझाता हूँ, कोरोना से मेरी बात हुई, उसका संवाद समझाता हूँ "। मम्मी का मेरी नाम नहीं, पापा का मुझे काम नहीं, बाईयाद में बच्चा हूँ, मन से में मचलता हूं, राहो पर में चलता नहीं , खुद से में भिड़ता नहीं, मेहमान लेने आएंगे , इज़्ज़त से ले जाएंगे । स्वाभिमानी में बच्चा हूँ , खुद से नहीं जाऊंगा, मेहमान लेने आएंगे, प्यार से चला जाऊंगा, ज़िद्दी में बच्चा हूँ, ऐसे नहीं मान पाऊंगा, घर में रहकर देखो, प्यार से देश छोड़ जाऊंगा । न धर्म ना जात न आधार देख पाऊंगा, इंसान मिला इंसान से, फ़्री एन्ट्री कर जाऊंगा, जाने में जितनी लूँ, फ़ासी से बच जाऊंगा, ऐसे जी चलता रहा, तो पूरा विश्व निगल जाऊंगा । इंसान मेरा यार हे, साथ देने को तैयार हे, प्यार मुझसे इतना कि , गले लगने को तैयार हे, साथ लिपट में जाऊंगा , आहार बना जाऊंगा, सोशल डिस्टेंसिंग करो , में हार मान जाऊंगा । freedom struggle against corona