Poetry "हे ईश्वर अल्लाह तेरे जहाँ में कैसा ये हाहाकार मचा। मानवता की हत्या होती सड़कों पर कत्लेआम मचा।। इस धर्मवाद के अन्धेपन में देखो यह कैसा हाल हुआ।। दिल वालों की दिल्ली में नफरत का कैसा अंगार उठा।।" _@Aditya R Mishra read full poetry 👇👇 "हे ईश्वर अल्लाह तेरे जहाँ में कैसा ये हाहाकार मचा। मानवता की हत्या होती, सड़कों पर कत्लेआम मचा ।। इस धर्मवाद के अन्धेपन में देखो यह कैसा हाल हुआ। दिल वालों की दिल्ली में नफरत का कैसा अंगार उठा।। इन नफरत के अंगारों से कितनों ने अपनें खोए हैं। दुष्टों की इस राजनीति से अनभिज्ञ होके हम सोए हैं।।