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adityarmishra6203
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सम्यक शिवादी

Athlete #professional cricket u19 An reader📖/An thinker love to write 🇮🇳 @only my content

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सम्यक शिवादी

पता - जहाँ तुम हो 
वो जगह मेरे लिए प्रेमशहर है।
प्रेमशहर (भारत)

मेरी प्रिय गुलाबो।

मेरा यह पत्र तुमसे यह नहीं पूछता है कि तुम्हारे लिए मैं क्या हूँ क्योंकि मुझे पता है कि मैं तुम्हारा जीवन हूँ मेरा यह पत्र तुमसे यह भी नहीं पूछता कि तुम कब तक मेरे साथ रहोगी क्योंकि तुम मुझमें ही हो हमारा रिश्ता प्राण और साँस की तरह है प्राण के बिना साँस और साँस के बिना प्राण का कोई अस्तित्व नहीं। मैं इस पत्र में तुम्हें बस इतना कहना चाहता हूँ कि साँस और प्राण के अस्तित्व एक हैं वो एक दूसरे का जीवन हैं। उनमें से एक किसी दूसरे के लिए विकल्प नहीं है बल्कि प्राथमिक और जरूरी है। समाज रीति रिवाज शारीरिकता में डूबे रिश्तों से परे है हमारा प्रेम और अटूट बंधन हमारे प्रेम और हमारे रिश्ते को विकल्प कभी मत बनने देना। क्योंकि स्वंय को सिर्फ एक विकल्पता की तरह महसूस करना त्रासदी भरी प्रतिपल होने वाली दुःखद मृत्यु है।
हमारा प्रेम हमारे अटूट बंधन की आत्मीय गहराई ईश्वर की तरह है जो न तो बदल सकता है और न ही कभी इसका अन्त है हमारा एक दूसरे के लिए प्रेम असीमित और अनन्त है। एक बात जो तुमसे अन्त में कहना चाहता हूँ वो ये है मेरी गुलाबो मै अगर जीवन हूँ तो तुम उस जीवन का प्राण हो। तुम्हारे लिए ढेर सारे प्यार के साथ मैं यह पत्र समाप्त करता हूँ।
अपना ध्यान रखना। जल्द मिलेंगे
                                                      तुम्हारा
                                                      अज्ञात

©सम्यक शिवादी #mohabbat
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सम्यक शिवादी

ऐ पथिक!
पथ भ्रष्ट न हो
लक्ष्य विशाल हैं तेरे
तू कुछ देर बैठ
सोच!
आरंभ कितना शानदार था तेरा।
अब रूक मत।
अंत भी बेहद शानदार होगा।

©Aditya R Mishra #Nojoto #Poetry #Motivation #Motivational 

#Walk
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सम्यक शिवादी

हे भारत के नवयुवक!
तुच्छ लक्ष्य न साध
संकल्प बडा़ एक बाँध।
धैर्य त्याग और साहस भर
मशाल नयी एक धारण कर
तू दीप प्रज्वलित करता चल
हर दीप प्रज्वलित हो जाएगा
अंधियारा सब मिट जाएगा।
फिर युग परिवर्तन आएगा
इतिहास नया बन जाएगा।।

©Aditya R Mishra #Nojoto #nojoto2022 #Inspiration #Motivation #YouthOfIndia #India #Poetry #writersofinstagram #writer 

#togetherforever
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सम्यक शिवादी

मरूँ मैं जब जब।
पुनः लौटकर आऊँ।।
बीज के रूप में गिरुँ
धरती में धंसू 
और चीरकर धरती को 
पुनः एक नया पेड़ बन जाऊँ।।
संघर्ष करूँ तेज तूफानों से
पतझड़ से और सूखे से।
पर संघर्षों से ऊपर उठकर 
पुनः एक विशाल वृक्ष बन जाऊँ।।
देता रहूँ घनी छाँव फल फूल सुख चैन सबको।
फिर अन्ततः वोधित्व को पा जाऊँ।।
पर वोधि बनूँ मरुँ
पुनः लौटूँ।
बार बार बीज बन गिरता रहूँ।
उगता रहूँ।
मानव सेवा के लिए
जन्म मृत्यु के चक्र को बार बार दोहराऊँ।।
─©आदित्य राज मिश्रा #writersofindia #igwriters #poetry #writerscommunity #nojoto
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सम्यक शिवादी

गौतम बुद्ध आत्म बोध की जाग्रति का एक बडा़ उदाहरण हैं आज हम उन्हें भगवान मानतें हैं इसलिए नहीं कि वो किसी का अवतार हैं या स्वंय ईश्वर हैं बल्कि इसलिए कि उन्होंने मानव चेतना के परम स्तर को प्राप्त किया। उन्होनें आध्यात्मिक योग साधना के द्वारा खुद को सभी सांसारिक भ्रमों से मुक्त कर परम की उस सीमा को जाना जो मानव चेतना का उच्चतम स्तर है जो सत्य है जिसे हम आत्मबोधिता आत्मज्ञान या बुद्धत्व कहते हैं।
बुद्धत्व प्राप्ति के बाद उन्होंने समाज में एक नयी ऊर्जा का संचार किया उन्होनें सामाजिक अन्याय और अंधविश्वासों कुरितियों के खिलाफ आवाज उठाई और समाज को एक नई दिशा प्रदान की।
गौतम बुद्ध नें धर्म के नाम पर हो रहे पाखंड और अन्याय का विरोध किया और सत्य की ओर ले जानें वाले वास्तविक मार्ग से समाज को परिचित कराया।
भगवान बुद्ध एक महान समाज सुधारक महान आध्यात्मिक गुरु और एक शांति प्रिय व्यक्ति थे फिर भी आज उनके नाम पर कई वर्ग आपस में लड़ते हैं इसका मात्र एक ही कारण है कि वे गौतम बुद्ध से बहुत दूर हैं उनसे बिल्कुल अनभिज्ञ हैं।
गौतम बुद्ध किसी एक धर्म एक वर्ग या एक जाति के नहीं बल्कि प्रत्येक आत्मबोध जिज्ञासु के दिशा निर्देशक और भारत की आत्मा हैं।

                                            -आदित्य राज मिश्रा #BuddhaPurnima2021 #writersofinstagram #writersofindia #nojoto
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सम्यक शिवादी

किसानों को अपनी बात रखनें का पूरा अधिकार है किसान ही नहीं इस देश का संविधान प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी देता है। 
परन्तु हिंसा का इस संविधान में कोई स्थान नहीं है हिंसात्मक आंदोलन मात्र अपने स्वार्थ के लिए देश की सम्पत्ति उसके नागरिकों को क्षति पहुँचाता है
कुछ अल्प विकसित मानसिकता वाले लोगों का कहना है कि दिल्ली में जो हुआ उसमें दिक्कत क्या है उन्होंने खालसा के झंडे ही तो लगा दिए तिरंगा उतारा तो नहीं।
सर्वप्रथम खालसा का प्रतीक चिन्ह हमारे लिए पूज्यनीय और सम्मानीय है किसान नेताओं को उसके इस्तेमाल को राजनीतिक रुप नहीं देना चाहिए।
दूसरी बात कि ये आंदोलन किसानों का है और किसान पूरे देश के हर हिस्से में हर वर्ग हर धर्म और हर समुदाय से हैं 
जब आप जय जवान जय किसान कहतें हैं तब आप किसान और जवान को एक समान और सम्मानीय दृष्टि से देखते हैं और हैं भी। परन्तु जब जवान का एकमात्र प्रतीक है तिरंगा तो किसान का प्रतीक अलग कैसे हो गया।
भगत सिंह नें किसी स्वतंत्र देश में होनें वाले आंदोलनों को अपनी डायरी पर कुछ इस तरह से लिखा था
"जब आंदोलन किसी स्वतंत्र देश की जनता अपनीं माँगों को और अपनें अधिकारों को लेकर करती है तो हिंसा का वहाँ कोई स्थान नहीं होना चाहिए क्योंकि उस हिंसा से क्रांति नहीं बल्कि अपनें ही लोगों द्वारा अपनें ही देशवासियों के लिए जलियाँवाला बाग तैयार होता है।"
लंबें समय से किसान अपनी माँगो को लेकर संघर्षरत हैं आपके संघर्ष में पूरा देश आपके साथ है सरकार को उचित हल निकालना चाहिए जो अन्नदाताओं के हित में हो।
परन्तु देश के अन्नदाताओं से निवेदन है कि हिंसा न करें क्योंकि हम आपको जय जवान जय किसान कहतें हैं।
                                             - आदित्य राज मिश्रा #farmerprotest
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सम्यक शिवादी

"मेरी दादी माँ" 

वो दिन भी याद अब आतें हैं जब दादी की छाँव में बसते थे। 
दादी माँ की उस छाँव में रहकर आजादी के किस्से सुनते थे।। 
महान बनों के सपनें देकर जब दादी हमें सुलाती थीं।
वीर और बलिदानों की वो गाथा हमें सुनातीं थीं।। 

जीवन के नैतिक मूल्यों पर, वो चलनें की शिक्षा देती थीं।
पढ़ लिखकर विद्वान बनों यह सीख हमेशा देती थीं।। 
गलती करनें पर दादी हमको जोरों की डाँट लगाती थीं।
कुछ पल के बाद वो खुद हाथ से दूध पिलातीं थीं।।
खेल कूद की भागदौड़ से जब भी हम थक जाते थे। 
उनकी प्यारी लोरी को सुनकर शुकून से हम सो जाते थे।। 

वो राम कृष्ण की कथा सुना जीनें की कला सिखातीं थीं। 
मेरी प्यारी दादी हमको ईश्वर का अस्तित्व बतातीं थीं।। 

मेरी दादी की सोंच ने हमको राष्ट्र प्रेम सिखलाया है। 
है मानवता में भगवान बसा यह मार्ग हमें दिखलाया है।। 
वो इस सुंदर प्रकृति की प्रेमी थीं।
मुझे प्रकृति से प्रेम सिखाया है।।
जीव जन्तु पर दया भाव और स्नेह का अर्थ बताया है।।
               instagram@kalam._kranti
                                             @ -Aditya R Mishra #dadima #love #qoutesoftheday #writersofindia #writersofinstagram #nojoto #life #story
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सम्यक शिवादी

शब्दों का तू जाल विछा
कलम को अपनीं आवाज बना।
न डर न पीछे हट
क्राँति का तू अभियान चला।
चिंतामग्न मत बैठ ऐ नवी 
खींच निकाल बाहर तेरे अन्दर छिपा कवि।।
                                 @kalam._kranti
             - आदित्य राज मिश्रा #poetry #Nojoto #writersofinstagram #igwrites #poem #poet #kalamkranti 
#writerscommunity #poetcommunity
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सम्यक शिवादी

"रानी लक्ष्मी बाई"

आजाद क्रांति के ज्वाला की जो पहली चिंगारी थी।
जगदम्बा अवतार में वो तो झाँसी वाली रानी थी।। 
अंग्रेज दरिन्दों से डरी नहीं ऐसी मर्दानी ताकत थी। 
निर्भीक हो युद्ध में खड़ी रही वो वीर सती बलिदानी थी।। 

आजादी की भीषण क्रांति में अपनों को उसनें खोया था। 
संघर्ष चरम के होने पर भी स्वाभिमान न छोड़ा था।। 
लाखों की सेना के आगे वो वीर अकेली खड़ी रही। 
खून से लथपथ होनें पर भी युद्ध भूमि में डटी रही।। 

अंतिम श्वास के प्राणों तक वो मृत्यु से न भयभीत हुई। 
आखिर, अन्त हुआ उस वीर शक्ति का स्वाभिमान से चली गई।। 

वीर सती वो मरी नहीं, वीरगति को प्राप्त हुई। 
मातृभूमि की अस्मत पर वीरांगना वो कुर्बान हुई।। 

                                               @_Aditya R Mishra 
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सम्यक शिवादी

(श्रीराम)  - हर धर्म हर जाति हर वर्ग एवं मानवता का एक आदर्श :-

"श्रीराम का सम्पूर्ण जीवन साधारणता में असाधारणता का उदाहरण है उनका जीवन अनेक प्रकार के संघर्षों से भरा हुआ था। उन्होनें अपनें पूरे जीवन में भयंकर कष्ट सहे, ऐसी कई परिस्थितियों का सामना किया जिनमें से एक भी किसी व्यक्ति को तोड़नें के लिए पर्याप्त है, लेकिन उन्होंने ऐसी भंयकर परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोया, उन्होंने अपना पूरा जीवन मर्यादाओं और कर्तव्यों को समर्पित कर दिया। उन्होनें कभी अपनीं भावनाओं और इच्छाओं को कर्तव्य से ऊपर नहीं रखा।
वास्तव में उनका जीवन आदर्शता का उदाहरण है ,
हम सभी भारतीयों को चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म या जाति से हो राम को अपनें जीवन का आदर्श बनाना चाहिए यह आवश्यक नहीं कि आप उन्हें भगवान मानतें हैं या अपना आदर्श। 
आवश्यक यह है कि उनके आदर्शवादी जीवन से आप सीखते कितना हैं।।"
      धर्म ,जाति ,वर्ग के परस्पर होते संघर्ष से ऊपर उठकर ही आप वास्तविक  राम को जान सकतें हैं,  वास्तव में राम किसी एक वर्ग के नहीं हैं बल्कि मानवता के आदर्श हैं।।
                                _Aditya R Mishra #Shriram #humanity #ideal #jaysriram #writersofinstagram #igwriters #Inspiration #Spirituality #lifelesson #indianwriters
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