तन्हाइयों में जीने की, आदत सी हो गई हमें भी आसुओं को पीने की, आदत सी हो गई छुपा के बैठे थे इस दिल में, जो जख्म मोहब्बत के हर जख्म को सीने की, आदत सी हो गई मतलब तो आज भी है हमें, उनकी गली से हर शाम गुजरने की, आदत सी हो गई कटती नहीं थी शामें, जिनके बगैर अब उनके बगैर रहने की, आदत सी हो गई "शैलेश" जी लिया बहुत, गुलशन में इश्क के अब जिंदगी को ढोने की, आदत सी हो गई ©Shailesh Aggarwal तन्हाइयां