अब तेरे बिन जी लेंगे हम ज़हर ज़िंदगी का पी लेंगे हम क्या हुआ जो एक दिल टूट गया क्या हुआ जो एक दिल टूट गया अब तेरे बिन जी लेंगे हम... मेरी आँखों से मेरे सपने बहे थे टूटा था दिल जिसमें तुम ही रहे थे जी भर के खेला और ठुकराया इंसां से मुझको खिलौना बनाया दिन तो कट हैं जाते,कटती न पर ये शब है कि साँसों का आना जाना बिल्कुल बेमतलब है एक दिल एक सौ सोलह हैं ज़ख़म अब तेरे बिन जी लेंगे हम... ज़फ़ाई का इसका इरादा नहीं है तेरा ग़म तो तुझसे भी ज्यादा हसीं है मानो या ना मानो बस इतना जानो टूटेगा दिल इश्क़ किया जो दीवानों होंगे इतने टुकड़े तुम ना उठा सकोगे जो है भूला तुमको उसे ना भुला सकोगे ज़ख्मी दिल पे होगा दर्द मरहम अब तेरे बिन जी लेंगे हम... ★मूल रचना=समीर ©Ghumnam Gautam #आशिक़ी #ghumnamgautam #ज़हर #ग़म