इसे गरीबी कहे या किस्मत , रोते रहे या सलामत रखे अपनी अस्मत??? .....💞💞💞 बात मजबूरी की थी वरना किताबों के शौकीन हम भी थे इरादों मे जान हमारे भी थे पर जमाने से तौहीन हम ही थे चाहत थी ऊची उड़ान कि पर पैरों मे बेड़ियाँ मजबूरी की थी चोट गरीबी की थी वरना