ये जो तुम मेरा प्रेम अस्वीकार करती हों मुझसे मोहब्बत नहीं है हर बार कहती हो ये जख्मी करता हैं मेरे अंदर के प्रेम को मेरे अंदर के बच्चें को मुझे डर हैं कहीं ऐसा न हो जख्म नासूर हो जाए मेरे अंदर का प्रेम वो मासूम बच्चा कहीं तुम्हारे इंतजार में तुम्हारी दहलीज पर दम न तोड़ दे और सारी दुनियां से किसी नाराज बच्चे सा मुंह मोड़ ले...! ©DrGovinda Dhurve #प्रेम #Nojoto #Hindinojoto