कोमल सुगात एक ,शूल दूजा भ्राता। फूल और काँटो का जन्मों का नाता।। उद्भव एक बीज भ्रूण ,एक खाद पाता। एक जल विन्दु पाकर डाल इठलाता। लेकिन प्रकृति में बिल्कुल विपरीत हैं। एक खुशी देता दूजा दर्द दे जाता।। एक कोमल गन्ध युक्त दूसरा कठोर तीक्ष्ण। एक प्रेम का प्रतीक दूजा वेदना विधाता। एक स्वयं मिटकर सुगन्ध है बिखेरता। दूजा पोर-पोर से है कहर बरपाता। जीवन में सुख दु:ख ही फूल और काँटे है। ब्यक्ति के विवेक ने ही इनको है बाँटा। हर कोई फूल चाहे काँटे न चाहे कोई। किन्तु साथ नहीं छोडते हैँ ये सहोदर भ्राता।। सपना मिश्रा कोमल सुगात एक ,शूल दूजा भ्राता। फूल और काँटो का जन्मों का नाता।। उद्भव एक बीज भ्रूण ,एक खाद पाता। एक जल विन्दु पाकर डाल इठलाता। लेकिन प्रकृति में बिल्कुल विपरीत हैं। एक खुशी देता दूजा दर्द दे जाता।।