चार दिन की जिंदगी है ऐ मुसाफिर तो क्यों ना हंसते-खेलते गुजारी जाये यूं एक दुसरे के रूठने और मनाने में कहीं दो दिन यूं ही व्यर्थ ना हो जाये वैसे तो हजारों मिलने वाले है शहर में क्यों ना अजीजों से मुलाकात की जाये कहीं छूट ना जाये वो मशहूर लम्हें क्यों ना कल को भी आज ही जिया जायें सूरज की किरणों ने डाला है बसेरा आपको हमारी ओर से गुड मार्निंग हो जाये रहें हर एक लम्हा बेहतरीन आज के दिन का कुछ इस तरह की रब से दुआ की जाये ©RJ25 Muradya ji #sweet #Morning #lovely #people #Good #day #Morning