White जिस तरह धर्म पथ पर अवरोध बहुत हैं..! उसी तरह प्रेम पथ पर विरोध बहुत हैं.. ! संभलकर नहीं चले तो ठोकर खाओगे और गिर भी जाओगे..! स्वयं कलंकित होकर प्रेम को भी कलंकित कर जाओगे..! फिर क्या होगा..? ये पवित्र पंथ मलिन और भयावह हो जायेगा..! इसमें चलने का साहस कौन जुटा पायेगा..? तब ख़ुद ही सोचो प्रेम पंथ पर कौन चलेगा..? और जब प्रेम पंथ ही सुनसान रह जायेगा तो ये संसार भी शमसान हो जायेगा..? हो सके तो वासना से सुभावना की ओर बढ़ो..! ये प्रेम परमात्मा है उपासना की ओर बढ़ो..! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #prem.. #The power of God