जो शहीद हँस कर हो गये,लिपट तिरंगे मे सो गये, यही भारती के लाल है,जो स्वयं अमरता के नाम है, उन वीरों को करबद्ध मिले,मुझे वतन की सरहद मिले। मुझे जन्नतों की हद मिले,मुझे वतन की सरहद मिले।(1)। ©SONALI SEN जो शहीद हँस कर हो गये,लिपट तिरंगे मे सो गये, यही भारती के लाल है,जो स्वयं अमरता के नाम है, उन वीरों को करबद्ध मिले,मुझे वतन की सरहद मिले। मुझे जन्नतों की हद मिले,मुझे वतन की सरहद मिले।(1)। स्वरचित गीत :- सोनाली सेन सागर मध्य प्रदेश