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ये कहानी नहीं कोई मेरी ख़ुद की ज़ुबानी है कश्ती वही

ये कहानी नहीं कोई
मेरी ख़ुद की ज़ुबानी है
कश्ती वही डूबती है,,
जिसकी लकड़ी पुरानी है
पुरानी चीजों को सहेजकर रखना
सब कहते हैं ये सोच पुरानी है....
दौर है ये आज का जिसमें
परिवर्तन ही जिंदगानी है,,
छोड़ जाते हैं अपने ही अपनों को
आज रिश्तों की बची नहीं निशानी है!!

©Anjali Nigam
  #मेरी जुबानी
anjalinigam4281

Anjali Nigam

Bronze Star
New Creator

#मेरी जुबानी #Thoughts

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