अबके वजूद मिटा दूँगा अपना, अगर जो तुमसे बिछड़ना पड़ा। साँसें खुद अपनी ही छीन लूँगा, जो हिज्र में इसबार जीना पड़ा। कर बैठूँगा तबाह जिंदगी सारी, टूटकर फिर जो बिखरना पड़ा। चाहिए अबकी बस प्यार तुमसे, भले बिन प्यार पहले जीना पड़ा। ©V.k.Viraz Parijat P