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बेरहम ये दुनिया है, रुला कर ही हँसती है!! ना रोने

बेरहम ये दुनिया है, रुला कर ही हँसती है!!
ना रोने पर दुःखी और रोने पर हँसती है!!
बेरहम ये दुनिया है,रुला कर ही हँसती है!!

ज़िन्दगी के अरमानों में ये हर वक़्त फँसती है!
मंजिल कोई भी चुनो ये रास्ते मे उलझती है!!
बेरहम ये दुनिया है,रुला कर ही हँसती है!!

ज़िंदा को गुमनाम और मुर्दों पे रोती है!
मौत का बिस्तर बना उसी पर ये सोती है!
बेरहम ये दुनिया है रुला कर ही हँसती है!!

बंजर-ऐ-दिल मे प्यार भी बोती है!!
मुस्कान को दफना ये आँशु ही ढोती है!
बेरहम ये दुनिया है रुला कर ही हँसती है!!

खुद के ज़नाज़े में चुपचाप सोती है!!
पर ज़माने के दर्द पर ये गुमनाम सी हँसती है!!
बड़ी बेरहम ये दुनिया है रुला कर ही हँसती है!!
#sjatt1401





 #मुसाफ़िर की कलम
बेरहम ये दुनिया है, रुला कर ही हँसती है!!
ना रोने पर दुःखी और रोने पर हँसती है!!
बेरहम ये दुनिया है,रुला कर ही हँसती है!!

ज़िन्दगी के अरमानों में ये हर वक़्त फँसती है!
मंजिल कोई भी चुनो ये रास्ते मे उलझती है!!
बेरहम ये दुनिया है,रुला कर ही हँसती है!!

ज़िंदा को गुमनाम और मुर्दों पे रोती है!
मौत का बिस्तर बना उसी पर ये सोती है!
बेरहम ये दुनिया है रुला कर ही हँसती है!!

बंजर-ऐ-दिल मे प्यार भी बोती है!!
मुस्कान को दफना ये आँशु ही ढोती है!
बेरहम ये दुनिया है रुला कर ही हँसती है!!

खुद के ज़नाज़े में चुपचाप सोती है!!
पर ज़माने के दर्द पर ये गुमनाम सी हँसती है!!
बड़ी बेरहम ये दुनिया है रुला कर ही हँसती है!!
#sjatt1401





 #मुसाफ़िर की कलम