नजर मत लगाओ मेरे गमों पर, ये भी बड़े नखरों से आती है। एक शाम जिसमें चाँद भी है चांदनी भी फिर भी अंधेरी है, और मुझे बुलाती है। वो कोई और था जो मेरे चेहरे पर हंसता था और वो उसकी मुस्कान ही मुझे रुलाती है रुलाती है #santosh_bhatt_sonu