कहाँ देखने को मिलता अब वो दशहरा, जो गाँव/ क़स्बों/ छोटी शहरों होती है, वो हर्षोल्लास का वातावरण, भब्य पंडाल एवं विशाल प्रतिमाये, भजन कीर्तन से भक्तिमय हुई सारी सीमाएं, पूजा में शरीक हुई चारों दिशाये, वो मेले की खनखनाहट, वो पकवान की मिठास, लोगो का एक दूसरे से मिलना, मिलकर हाल चाल पूछना, बडों से आशिर्वाद लेना तथा छोटों को स्नेह करना, कहाँ देखने को मिलता अब वो दशहरा, आज के इन बदलते बड़े शहरों में। अनुकरण #Dussehra #Writing