इन हवाओं ने कुछ इस तरह मुझे मुझसे वाकिफ कराया कि मैंने खुद को हमेशा अकेला पाया ,(2) गलत थी मैं गलत था मेरा एहसास किसी के साथ होने का इन हवाओं ने कुछ इस तरह मुझे मुझसे वाकिफ कराया। लोगो ने तो मेरा साथ कब का छोड़ दिया था, बस एक गलतफेमि थी किसी के साथ होने का जो समय आने पर खत्म सा हो गया जब भी आज पिछे पलट कर देखती हूं तो बस दूर से एक आवाज आती है, जो कहती है कि रुक जा कहा जा रही है वापस आजा तूझसे न हो पायेगा । ये सुनते ही, मैं रुक सी जाती हूं एक मायूसी सी परछाई मेरे चेहरे पर छा सी जाती है पर इतने में एक हवा का झोखा मेरे चेहरे को छू कर गुजरती है और मेरी मायूसी भारी चेहरे पे एक मुस्कान सी आ जाती है। और मेरे कदम आगे की ओर बढ़ने लगते है उस वक्त मैं सब भूल गई, मेरे पीछे लोगो की आवाज और लाखो की भीड़ से मैं एक अनजाने से रास्ते पे चलना सुरु कर दिया । जिस रास्ते की आखरी छोड़ का पता न होने पर भी उस रास्ते पे मैं बेफिकर चलने लगी । बस एक सुकुन था मन मे की मंजिल मिले न मिले पर कुछ नया जरूर सीखूंगी, और दिल को इस बात की तसली थी कि अब कोई साथ नही है तो अब किसी के साथ छोड़ जाने का डर भी नही है। इन हवाओं ने कुछ इस तरह मुझे मुझसे वाकिफ कराया कि मैंने खुद को हमेशा अकेला पाया #NojotoQuote खुद को हमेशा अकेला पाया।।।।