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श्रंगार की शान... विवाह की पहचान विवाहिता के प्र

श्रंगार की शान... 
विवाह की पहचान 
विवाहिता के प्राण ... 
 धर्मपत्नी का परम् धर्म कह दूँ..
श्री का स्थान.. 
सुखों की खान.. 
सुहाग की पहचान
भावों का मर्म कह दूँ..
बंधन नहीं 
मनरंजन नहीं
आजीवन त्यजन नहीं 
तन मन धन अर्पण कह दूँ.. 
कह दूँ उसे सिंदूर 
या सर्वस्व समर्पण कह दूँ..

©अज्ञात
  #सिंदूर