सर तन से जुदा का नारा क्यों ################# यह देश हमारा है.....तुम्हारा है....फिर देश विरोधी नारा क्यों ! कहीं पत्थर कहीं आग........... कहीं हिंदुओं का हत्यारा क्यों ! भगवान एक है कण-कण में..फिर ............................................... अल्लाह सबसे बड़ा और प्यारा क्यों ............................................. जब तक कम है तेरी आबादी.............. तब तक है भाईचारा, आबादी बढ़ी तो................. इस्लामिक देश का इशारा क्यों! यह देश हमारा है.... तुम्हारा है.... फिर देश विरोधी नारा क्यों! कहीं पत्थर कहीं आग........... कहीं हिंदुओं का हत्यारा क्यों! देवी - देवताओं का मजाक उड़ाना..... तुम्हारा एक मुकाम है! मैं बोलूं सच इस्लाम पर तो..... सर धड़ से जुदा का नारा क्यों! तुम मुझसे बने हो .............. मैं तुमसे नहीं, फिर सनातन संस्कृति मिटाने का .........इरादा क्यों! यह देश हमारा है.... तुम्हारा है.... फिर देश विरोधी नारा क्यों! कहीं पत्थर कहीं आग........... कहीं हिंदुओं का हत्यारा क्यों! तेरी मेरी की बात तुम छोड़ो..... जिहादी सोच की आदत तुम छोड़ो! इंसान होकर बन गए हो......................... पशु तुम आवारा क्यों ! सोचा दुनिया डर गई तुमसे....फिर तुम्हारी हार का धरती पर नजारा क्यों! वापस आ जाओ घर अपना............ सनातन सबसे न्यारा है! यह देश हमारा है.... तुम्हारा है.... फिर देश विरोधी नारा क्यों! ################################### प्रमोद मालाकार की कलम से """"""""""""""""""""""""""""""""""""" ©pramod malakar #सर तन से जुदा का नारा क्यों?