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दो पैसे बचाने को हम पैदल चलदिये, तो शर्म आ गई तुम्

दो पैसे बचाने को हम पैदल चलदिये, तो शर्म आ गई तुम्हे ।
हम तो गिरती इन्सानियत का मातम मनाते रह गये ।। लोग मान सम्मान और दिखावटी खुशियों के पीछे भाग रहे हैं , पर #इनसानियत  और #ईमानदारी की कद्र किसीको नही ।
दो पैसे बचाने को हम पैदल चलदिये, तो शर्म आ गई तुम्हे ।
हम तो गिरती इन्सानियत का मातम मनाते रह गये ।। लोग मान सम्मान और दिखावटी खुशियों के पीछे भाग रहे हैं , पर #इनसानियत  और #ईमानदारी की कद्र किसीको नही ।