- मुक्तक - ------------------------------------------- 1- राजनीति करने लगी, नफरत का व्यापार। शांति और सदभाव की, नहीं उसे दरकार। जाति धर्म के नाम पर, नेता डालें फूट। सबकी चाहत है यही, उनकी हो सरकार।। 2- मणिपुर में लूटी गयी, नारी की फिर लाज। जिस पर शर्मिंदा हुआ, सारा मनुज समाज। इस पर चर्चा के लिए, संसद में गतिरोध। नेता आते हैं नहीं, राजनीति से बाज। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava #Agnipath