प्रेम की कोई स्थापित परिभाषा नहीं होती, फिर भी लोग ढूँढ ही लेते हैं छोर प्रेम के उद्गम का बस, जो आज तक नहीं मिला किसी को वो है दूसरा छोर . . संभवतः, यही कारण है कि संसार की अधिकांश प्रेम कविताएं अक्सर ही रह जाती हैं "अधूरी" " अधूरी कविता" कुछ चीज़ें शायद अधूरी ही हसीन लगती हैं क्योंकि पूरा हो जाने पर एहसास कम हो जाने का डर रहता है... . #yqdidi #yababa #hindi #love #प्रेम #प्रेमकविता #अधूरीख़्वाहिश #1909avinash