वो ममता की प्रतिमा है, और पवित्रता की मिसाल है.... उसके रूप में सुंदरता भी है, और वो अथाह प्रेम की भंडार हैं... अपनी मासूमियत से वो सभी के दिलो को जीत लेती हैं.... अपनो के लिए अपनी खुशियों को कुर्बान कर देती हैं.... लेकिन ना कभी किसी से शिकवा ना शिकायत करती हैं.... कभी मां, कभी बहन और कभी अर्द्धांगिनी बन जाती हैं.... किन्तु अपने हर रूप में नारी, समर्पण का अंतिम चरण कहलाती है..... ©Kiran Ahir अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏