स्वतंत्रता की ये कैसी मिशाल अपने अपनों का ही नहीं रखते ख्याल जो दावे करते देश प्रेम का वो ही नीचा करते देश का भाल नागरिक देश के जरा अपने को संभाल स्वार्थ की वेदी में संपतियों की न आहुति दे ये तेरा नहीं देश का है माल समस्यायों का ये नहीं कोई सही समाधान इन्हें जलाकर तूं नहीं हो सकता महान अपनी देश भक्ति को जरा पहचान ✍कमल भंसाली देश भक्ति